Namaskar!
Research is the real source of knowledge. Research is the prime means of Education. Research with a proper and noble purpose has always been and will continue to be the force behind all Human excellence and progress. This purpose needs to be refreshed from time o time. Commerce and warfare tend to grab precedence over all other Humane activities of life. This imbalance in preference and proportion of resource allocation to research results in disastrous consequences and periodically poses existential problems before the mankind. Hence there is always a need for course correction. Academic activity decides the course mankind will take in next few generations. Knowledge leads all other human endeavours.
In this era of resurgence Bharatiya Shikshan Mandal in collaboration with other five premier academic and research institutes of Nagpur invites you to participate in a historical Vidvat Sabha (Conglomoration of Wise).
An International Conference on Research for Resurgence
12-13 February 2016, VNIT, Nagpur.
Accompanied by a unique competition of research presentation either in text or a PPT or a Documentary or a poster or a Model -working or non working. The presentation has to be about research philosophy, practice or methodology in any of the 7 sub-themes covering almost all the areas of knowledge.
There are prizes worth Rs 100000 to be won. Hurry, registration is on. See the attached flyer for details. Visit
http://conference.bsmbharat. org/
Very good tips, though most of these are applicable to inernational financing. But still we can use them in applying for funding for our projects also.
http://gu.com/p/485dz/sbl
इस प्रारूप में शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति के मौलिक एवं शाश्वत विकास को केन्द्र में रखा गया है साथ ही 8 वर्षीय शिक्षा पर विशेष बल देते हुये व्यवहारिक ज्ञान देने की संस्तुति दी गयी है। 8 वर्ष के पश्चात छात्र को अपनी जीविका हेतु कौशल विकास करने के लिये प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश कराने पर बल दिया गया है। इसके पश्चात यदि वह छात्र पुनः उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है तो उसे एक सेतु पाठ्यक्रम के द्वारा उच्च शिक्षा में प्रवेश देने की व्यवस्था सुझाई गयी हैं। 4 वर्षीय विद्यालयीय शिक्षा को और व्यवहारिक बनाने पर जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय शिक्षा पूर्ण स्वायत्त हो छात्रों को अधिक से अधिक अवसर उपल्बध हों, पुस्तकालयों प्रयोगशालाओं में वृद्धि हो, कार्यानुभव पर बल दिया जाये जिससे कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिले। श्रेणी सुधार की सुविधा देते हुये हर स्तर पर उपाधि की व्यवस्था की जाये। स्नाकोत्तर स्तर पर अनुसंधान एवं पत्र लेखन पर वरीयता दी जाने चाहिये।
व्यवसायिक शिक्षा में व्यवहारिक प्रवीणता पर बल देते हुये प्रत्येक छात्र को प्रतिदिन 2 घण्टे नियमित कार्य करना अनिवार्य हो। मुख्य प्रशिक्षण अनुभव से दिया जाना चाहिये, मूल्यांकन एवं परीक्षा पद्धति में व्यापक सुधार करते हुये कहा गया है कि कक्षा 1 व 2 में कोई परीक्षा नहीं 3 व 4 में मौखिक परीक्षा 5 व 6 में लिखित परीक्षा 7 व 8 में प्रायोगिक परीक्षा ली जाये, कक्षा 9 व 10 में आंतरिक मूल्यांकन मासिक परीक्षा व वार्षिक परीक्षा ली जाये। आतंरिक परीक्षा व मासिक परीक्षा में 40-60 का अनुपात रहे। आतंरिक मूल्यांकन का आधार कक्षाकार्य गृहकार्य व्यवहारिक ज्ञान व कार्यानुभव को बनाया जायें। उत्तीर्ण-अनुतीर्ण के संकेत समाप्त करके 50 प्रतिशत तक अंक पाने वाले को अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाये, परीक्षाफल सुधार की सुविधा हो मूल्यांकन व परीक्षा पद्धति को क्रमशः लागू किया जाना चाहिये।
सम्पूर्ण शिक्षा तन्त्र के नियन्त्रण व निरीक्षण हेतु एक पूर्ण स्वायत्त आयोग बनाकर इसके नियमन का कार्य किया जाये, राज्य स्तर पर भी आयोग बनाकर उसकी इकाइयों की स्थापना सभी जिलों में की जाये। इस आयोग में 60 से 75 प्रतिशत सदस्य शिक्षा क्षेत्र से हों और 40 से 25 प्रतिशत सदस्य राजनैतिक प्रतिनिधि, समाजसेवी, शिक्षक संघ प्रतिनिधि, संस्था चालक प्रतिनिधि, शासन के प्रतिनिधि सम्मिलित हों। यह स्वायत्त आयोग पाठ्यक्रम, परीक्षा, शिक्षक कल्याण, नियुक्ति, समितियों का निर्माण तथा शिक्षण संस्थाओं के नियमों अधिनियमों का निर्माण संचालन करेगा।
उपरोक्त के अतिरिक्त इस प्रस्तावित प्रारूप में यह भी प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक 4-5 वर्ष के पश्चात इस व्यवस्था के विषय में समाज से फीडबैक लेने हेतु सर्वेक्षण कार्य भी होना चाहिये, सर्वेक्षण के आधार पर प्राप्त सुझावों को क्रियान्वयन हेतु जोड़ते रहना चाहिये। यह प्रक्रिया क्रमशः चलाई जाये और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि शिक्षकों की सेवा पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। तकनीक का प्रयोग करते हुये पारदर्शिता लाई जाये। यह बाते प्रास्तवित प्रारूप में विस्तार से दी गयी हैं, 6 जुलाई से 12 जुलाई तक सम्पूर्ण देश में व्यापक अभियान चलाकर इस प्रारूप पर प्रतिक्रिया व सुझााव लिये जायेंगे। आप सभी इसका हिस्सा बनकर इस अभियान में अपना सहयोग करें।
प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा0 अंगद सिंह, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डा0 ओमप्रकाश सिंह, राष्ट्रीय महिला प्रमुख डा0 गीता मिश्र, कानपुर प्रान्त के मंत्री दिनेश पाठक, वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य शंकर बाजपेयी उपस्थित थे।
(डा0 गीता मिश्रा) संयोजक- 9415200636
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Very good tips, though most of these are applicable to inernational financing. But still we can use them in applying for funding for our projects also.
http://gu.com/p/485dz/sbl
प्रेस-वार्ता
कानपुर 30 जून । भारत सरकार की प्रस्तावित नवीन शिक्षा नीति के संदर्भ में आज भारतीय शिक्षण मण्डल के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने आज बी. एन. एस. डी. शिक्षा निकेतन इण्टर कालेज में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि आज भारत की शिक्षा व्यवस्था अनेक प्रकार के प्रश्नों के घेरे में खड़ी है हमारा युवक मंहगी से मंहगी शिक्षा प्राप्त करके भी हताशा निराशा और बेरोजगारी से त्रस्त हैं, यहां की शिक्षा जीवन मूल्यों से दूर हो चुकी है। भारतीय शिक्षण मण्डल भारतीय पुरूत्थान हेतु भारतीय जीवन मूल्यों स ेउपजी भारतीय ऐतिहासिक अनुभूति से उत्पन्न भारत हित के लिये शिक्षा व्यवस्था को विकसित करना चाहता हैं। इसके लिये संगठन ने विगत वर्षों में लगभग 4 हजार शिक्षाविदों शिक्षकों एवं समाजसेवियों को एक प्रश्नावली के माध्यम से उनके सुझावों को संकलित किया है। और उसे ‘‘भारतीय शिक्षण एक रूपरेखा’’ नाम की प्रस्तावित शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार किया है, इस प्रारूप को पिछले 6 माह से सम्पूर्ण देश में शिक्षा से जुड़े लोगों से चर्चा हेतु प्रस्तुत किया गया है। इस ड्राफ्ट पर कार्यशालाओं, विचार-विमर्श गोष्ठियों का अभियान चल रहा है। इस प्रारूप में ही लोगों के सुझाव प्राप्त करने हेतु एक प्रश्नावली भी संलग्न की गयी है, जिसके द्वारा प्रबुद्ध वर्ग के अभिमत प्राप्त हो रहे हैं। देश भर से इस संदर्भ महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हो रहे है। यह कार्य अभियान के रूप में चल रहा है। 6 जुलाई से 12 जुलाई तक सम्पूर्ण देश में इस प्रारूप पर अभिमत संग्रह करने का विशेष अभियान प्रस्तावित है, इस अभियान में लाखों की संख्या में अभिमत प्राप्त करने की योजना है फिर प्राप्त सुझावों के आधार पर एक परिपक्व शिक्षा नीति को तैयार करके केन्द्र सरकार व समस्त राज्य सरकारों के समक्ष क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत किया जायेगा। इस प्रारूप में शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति के मौलिक एवं शाश्वत विकास को केन्द्र में रखा गया है साथ ही 8 वर्षीय शिक्षा पर विशेष बल देते हुये व्यवहारिक ज्ञान देने की संस्तुति दी गयी है। 8 वर्ष के पश्चात छात्र को अपनी जीविका हेतु कौशल विकास करने के लिये प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश कराने पर बल दिया गया है। इसके पश्चात यदि वह छात्र पुनः उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है तो उसे एक सेतु पाठ्यक्रम के द्वारा उच्च शिक्षा में प्रवेश देने की व्यवस्था सुझाई गयी हैं। 4 वर्षीय विद्यालयीय शिक्षा को और व्यवहारिक बनाने पर जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय शिक्षा पूर्ण स्वायत्त हो छात्रों को अधिक से अधिक अवसर उपल्बध हों, पुस्तकालयों प्रयोगशालाओं में वृद्धि हो, कार्यानुभव पर बल दिया जाये जिससे कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिले। श्रेणी सुधार की सुविधा देते हुये हर स्तर पर उपाधि की व्यवस्था की जाये। स्नाकोत्तर स्तर पर अनुसंधान एवं पत्र लेखन पर वरीयता दी जाने चाहिये।
व्यवसायिक शिक्षा में व्यवहारिक प्रवीणता पर बल देते हुये प्रत्येक छात्र को प्रतिदिन 2 घण्टे नियमित कार्य करना अनिवार्य हो। मुख्य प्रशिक्षण अनुभव से दिया जाना चाहिये, मूल्यांकन एवं परीक्षा पद्धति में व्यापक सुधार करते हुये कहा गया है कि कक्षा 1 व 2 में कोई परीक्षा नहीं 3 व 4 में मौखिक परीक्षा 5 व 6 में लिखित परीक्षा 7 व 8 में प्रायोगिक परीक्षा ली जाये, कक्षा 9 व 10 में आंतरिक मूल्यांकन मासिक परीक्षा व वार्षिक परीक्षा ली जाये। आतंरिक परीक्षा व मासिक परीक्षा में 40-60 का अनुपात रहे। आतंरिक मूल्यांकन का आधार कक्षाकार्य गृहकार्य व्यवहारिक ज्ञान व कार्यानुभव को बनाया जायें। उत्तीर्ण-अनुतीर्ण के संकेत समाप्त करके 50 प्रतिशत तक अंक पाने वाले को अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाये, परीक्षाफल सुधार की सुविधा हो मूल्यांकन व परीक्षा पद्धति को क्रमशः लागू किया जाना चाहिये।
सम्पूर्ण शिक्षा तन्त्र के नियन्त्रण व निरीक्षण हेतु एक पूर्ण स्वायत्त आयोग बनाकर इसके नियमन का कार्य किया जाये, राज्य स्तर पर भी आयोग बनाकर उसकी इकाइयों की स्थापना सभी जिलों में की जाये। इस आयोग में 60 से 75 प्रतिशत सदस्य शिक्षा क्षेत्र से हों और 40 से 25 प्रतिशत सदस्य राजनैतिक प्रतिनिधि, समाजसेवी, शिक्षक संघ प्रतिनिधि, संस्था चालक प्रतिनिधि, शासन के प्रतिनिधि सम्मिलित हों। यह स्वायत्त आयोग पाठ्यक्रम, परीक्षा, शिक्षक कल्याण, नियुक्ति, समितियों का निर्माण तथा शिक्षण संस्थाओं के नियमों अधिनियमों का निर्माण संचालन करेगा।
उपरोक्त के अतिरिक्त इस प्रस्तावित प्रारूप में यह भी प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक 4-5 वर्ष के पश्चात इस व्यवस्था के विषय में समाज से फीडबैक लेने हेतु सर्वेक्षण कार्य भी होना चाहिये, सर्वेक्षण के आधार पर प्राप्त सुझावों को क्रियान्वयन हेतु जोड़ते रहना चाहिये। यह प्रक्रिया क्रमशः चलाई जाये और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि शिक्षकों की सेवा पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। तकनीक का प्रयोग करते हुये पारदर्शिता लाई जाये। यह बाते प्रास्तवित प्रारूप में विस्तार से दी गयी हैं, 6 जुलाई से 12 जुलाई तक सम्पूर्ण देश में व्यापक अभियान चलाकर इस प्रारूप पर प्रतिक्रिया व सुझााव लिये जायेंगे। आप सभी इसका हिस्सा बनकर इस अभियान में अपना सहयोग करें।
प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा0 अंगद सिंह, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डा0 ओमप्रकाश सिंह, राष्ट्रीय महिला प्रमुख डा0 गीता मिश्र, कानपुर प्रान्त के मंत्री दिनेश पाठक, वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य शंकर बाजपेयी उपस्थित थे।
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12/2/15
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Dear friends,
Greetings!!!!
We are delighted to announce about the ‘National Conference-Pramarjan’ to be organized by JG Group of Education Colleges and Educational Researchers' Association-ERA on 24-25 Jan, 2016 on the occasion of Golden Jubilee Celebration of our ASIA Charitable Trust.
The theme of the conference is EDUCATION - FROM NEOLITHIC INDIA TO CONTEMPORARY WORLD.
Please find the E-Pramarjan brochure and registerationdetails on www.jgcolleges.com, CONFERENCE PRAMARJAN.
Further, please use the following URL link for filling up the e-registration form.http://www.jgcolleges. org/office_registration.php
We invite your participation for the conference and also expect your motivation to your faculty members to
participate for the same. Participation from your side will certainly add valuable inputs to the Conference theme.
Let’s join hands to unsoil the tribulations in education field and bring out the innovativeness lying within us…….
Regards
Conference Coordinator: Dr. Aj itsinh Rana, R.B.SagarCollege of Education, ERA
Cell: +91 99045 30030 | Email: arjun68@gmail. com
Conference Coordinator: Prin. Sonal Thareja, Offg.Principal, JG College of Education (Eng.Med.)
Cell: + 91 98247 22899 | Email:principaljgcolle geofeducation@yahoo.com
Greetings!!!!
We are delighted to announce about the ‘National Conference-Pramarjan’ to be organized by JG Group of Education Colleges and Educational Researchers' Association-ERA on 24-25 Jan, 2016 on the occasion of Golden Jubilee Celebration of our ASIA Charitable Trust.
The theme of the conference is EDUCATION - FROM NEOLITHIC INDIA TO CONTEMPORARY WORLD.
Please find the E-Pramarjan brochure and registerationdetails on www.jgcolleges.com, CONFERENCE PRAMARJAN.
Further, please use the following URL link for filling up the e-registration form.http://www.jgcolleges.
We invite your participation for the conference and also expect your motivation to your faculty members to
participate for the same. Participation from your side will certainly add valuable inputs to the Conference theme.
Let’s join hands to unsoil the tribulations in education field and bring out the innovativeness lying within us…….
Regards
Conference Coordinator: Dr. Aj
Cell: +91 99045 30030 | Email: arjun68@gmail.
Conference Coordinator: Prin.
Cell: + 91 98247 22899 | Email:principaljgcolle
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सर्वप्रथम अभिनंदन -- हा आपव्या देशांत अत्यंत दुर्लक्षित राहिलेला विषय हाती घेतल्याबद्दल. पण......
हा ही एक उत्सवच रहाणार की मागील इतिहीसाचे भान ठेवत भविष्याचा वेध घेऊ शकणार -- आऱंभशूरता ठरणार की चिरंतनतेच्या दिशेने काही समर्थ पावली टाकणारी योजना यातून निघणार, हे प्रश्नचिह्न अधिकच मोठे मोठे होत आहे. दुसरेही मोठे प्रश्नचिह्न मांडत आहे -- राग नसावा -- या कार्यक्रमातून 1000 वर्षांपूर्वी आम्ही किती मोठे होतो यावरच आधारित पेपर्स वाचले जाणार की आज आपण जगाच्या तुलनेत किती मागे आहोत त्यावरही पेपर वाचला जाऊन आपल्याकडील आज असलेल्या सुविधांचा व पूर्वसंचित ज्ञानाचा एकत्रित वापर करून निकट भविष्यात काय शोध केला जाऊ शकतो यावरही चर्चा मसलत होणार--
म्हणून एक सुचवत आहे की बरीच पूर्वतयारी तुम्ही करत असणार त्यातील प्रायोरिटी क्रमांक 1 वर एक काम करा -- महाराष्ट्रातील 2 (पैकी 1 नागपूर व्हीएनआयटी, व देशातील अन्य 3) अशा 5 युनि, मधे स्नातकोत्तर 2-2 जणांची एक टीम या प्रमाणे 10 विद्यार्थ्यांना कामाला लावून गेल्या वीस वर्षात देशांत जे काही रिसर्च झाले त्याची सूची व विषयवार सूची बनविण्याचे काम हाती घ्या. ते लगोलग एका वेबसाईटवर टाकत चला. दोन शोधक प्राचार्यांना या सूचीवर आधारित प्रेझेंटेशन करण्यास सांगा -- कार्यक्रमाचा किक-स्टार्ट त्यातून होऊ दे.
दोन्ही मुद्द्यांवर ठोस कार्यक्रमासाठी विद्यार्थ्यांना, शोधसंस्थांना संकल्पना व मार्गदर्शन मी करू शकेन, मात्र - या, एखादा पेपर वाचा - यात मला आता स्वारस्य नाही.
या संदर्भात मागे मी एका कॉलेजला सुचवून त्यांनी विद्यार्थ्यांतर्फे सर्व्हे-कम- फाइंडिंग असा एक उपक्रम हाती घेतला होता तसे हजारो छोटे छोटे प्रकल्प आजही नितांत आवश्यक आहेतच. पण मोठ्या संकल्पनाही आवश्यक आहेत -- उदा - भारतातील एखादी मोठी शोधसंस्था संस्कृत व्याकरण-आधारित आज्ञावली रचून त्या आधारे वाचिक कमांडवर चालणारे संगणक बनवण्याचा शोध प्रकल्प घेऊ शकते का
असो. विषय खूप मोठा आहे -- आशा सुटेना- देव भेटेना अशी आपली अवस्था आहे.
योग्य वाटल्यास फोन अथवा ईमेल करालच (मी सध्या अमेरिकेत आहे 10 . फोन नं +16692245385)
From Nagpur RSS national Headquarters
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We express our Sranddhanjali to respected Sri Upendra Shenoyji. He was our Senior Pracharak symbol of simplicity and dedication.
He was original thinker in Reviving Bharateeya values specially in Gram vikas Agriculture and Education.
An voracious Reader thinker and good friend of all.
He was an expert in Homoeopathy in Integral approach in Medical field.
We lost a great personality Guide and Philosopher specially for Karnataka.
With folded hands with tears and bowing my head before that great Soul I pay my sraddhanjali at his feet.
I pray god to give him Sadgati and Courage to all of us to bear this agony.
My pranams to his Fanily members and to all swayamsevaks.
I can understand the feelings and grief of Rashtrotthana karyakartas. I appeal to all those karyakartas to be courageous and i feel Sri Upendrajs Atma will guide us in rebuilding our society on Original Bharateeya values.
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We express our Sranddhanjali to respected Sri Upendra Shenoyji. He was our Senior Pracharak symbol of simplicity and dedication.
He was original thinker in Reviving Bharateeya values specially in Gram vikas Agriculture and Education.
An voracious Reader thinker and good friend of all.
He was an expert in Homoeopathy in Integral approach in Medical field.
We lost a great personality Guide and Philosopher specially for Karnataka.
With folded hands with tears and bowing my head before that great Soul I pay my sraddhanjali at his feet.
I pray god to give him Sadgati and Courage to all of us to bear this agony.
My pranams to his Fanily members and to all swayamsevaks.
I can understand the feelings and grief of Rashtrotthana karyakartas. I appeal to all those karyakartas to be courageous and i feel Sri Upendrajs Atma will guide us in rebuilding our society on Original Bharateeya values.
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5/11/11
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Rajendraji, this is the saddest news in last several months. I met dr Shenoy about 2 months back in banglore. He was black with dialysis but his brain was alert and he was still talking about a patient like him not getting advantage of all therapies because doctors are so compartmentalised.
He was a great thinker on the subject of education and I consider it lucky that I was able to discuss my ideas on education with him. His sad demise is a personal loss to me as a good soul, a wellwisher and a well-read person like him was always available for discussing new ideas.
May god grant SAdgati to his Atman
--Leena Mehendale
He was a great thinker on the subject of education and I consider it lucky that I was able to discuss my ideas on education with him. His sad demise is a personal loss to me as a good soul, a wellwisher and a well-read person like him was always available for discussing new ideas.
May god grant SAdgati to his Atman
--Leena Mehendale
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12/30/14
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Sir/Madam
Please find attached invitation for the SZVCC-2015 to be held at VIT University, Vellore on January 3rd and 4th , 2015. Kindly acknowledge the same at the earliest.
Thanks and regards
Muralidhar L B
Research Scholar,Canara Bank School of Management Studies
Bangalore University
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Manyavar Mahoday,
Namaskar !
It gives me great pleasure on behalf of Bharatiya Shikshan Mandal to invite you to "International Conference - Research For Resurgence" - to be held from 11th to 13th February 2016 at Vishvesvaraiya National Institute of Technology Nagpur.
Please find below the details of the conference:
Bharatiya Shikshan Mandal(BSM) started its work in the educational sector in 1969 with a view of evolving an indigenous system of education. Shikshan Mandal is working in 28 states and 268 districts of Bharat .The mission of imbuing national education with ‘Bharatiyata’ for national regeneration is – Bharatiya Shikshan Mandal!. Respect of the diversity and recognition & acceptance of the inherent oneness in the universe are the foundational principles of Bharatityata. An education based on these principles aims at creation of a national character. The main motive of Shikshan Mandal is formulation of an education system based on time tested traditions and values of the land. An education that imparts holistic knowledge. Bharatiya Shikshan Mandal has developed a five-dimensional agenda for this purpose -- Research, Awareness, Orientation, Publication, and Organisation to support all these. The aim is to enable society to rediscover the Bharatiya way of life and therefore recreate Indigenous Model of education. (Pl Visitwww.bsmbharat.org for details)
The present scenario about Research and its applicability has unhappy face and needs rethinking in several aspects. Think tank at BSM has initiated a discourse for solution of the issue and planned International conference on “Research for Resurgence” scheduled on 11-13 February 2016 at VNIT Nagpur, in collaboration with all the leading institutes of academic excellence in Vidarbha region - Vishvesvaraiya National Institute of Technology Nagpur (VNIT), National Environmental Engineering Research Institute (NEERI). Rashtrasant Tukadoji Maharaj Nagpur University (RTMNU), Dr. Panjabrao Deshmukh Krishi Vidyapeeth, Akola (PDKV), Kavikulguru Kalidas Sanskrit University, Ramtek (KKSU), Sant Gadgebaba Amravati University, Amravati (SGBU). The conference will serve as a platform for active interaction between policy makers, executors, true mind-set researchers and representatives from the corporate houses.
Eminent Personalities who have confirmed their availability for the Conference:
1. Dr V K Saraswat Ji - Permanent Member Niti Aayog,Recipient of Padma Bhushan and Padma Shri.Ex Director General of DRDO.
2. Dr Madhavan Nair, Former Director ISRO
3. Guna Magesan Ji - Senior Scientist from New Zealand.Named amongst top 100 Indians in the world by Indian Magazine along with Sonal Shah(American Economist and Advisor to Barack Obama),Sunita Williams(Astronaut),Dr. Deepak Chopra,Jhumpa Lehri,Sir Anand Satyanand(Governor General of New Zealand).
4. Dr Anil Sahasrabuddhe, Chairman - All India Council for Technical Education(AICTE)
5. Dr D P Singh, Director - National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
6. G. S. Gurumurthy Ji- Renowned economist and corporate advisor.7. Almost 40 Vice-Chancellors
8. Hon. HRD Minister Smriti Irani Ji
9. Hon. Chief Minister of Maharashtra Devendra Fadnavis Ji
10. Hon. Governor of Maharashtra
11.Education Ministers from different states.
Few of the names expected from abroad are:
1. Advisor to Malaysian Prime Minister
2. Advisor to Prime Minister of UK
3. Rajeev Bajpai - WPG C&C Computer and Peripheral. WPG Holdings is No.1 Global Semiconductor Distributor and the largest electronics distributor in Asia, headquarters in Taipei, Taiwan. WPG Holdings operating through four leading semiconductor components distributors serves as a franchise partner for nearly 250 world-wide suppliers.
4. Manjul Bhargava : A Canadian-American mathematician, Bhargava was awarded the Fields Medal in 2014. According to the International Mathematical Union citation, he was awarded the prize "for developing powerful new methods in the geometry of numbers, which he applied to count rings of small rank and to bound the average rank of elliptic curves.
5. Amit Goyal : He has recently joined University of Buffalo as Director for RENEW Institute. He has developed clean energy technologies for more than two decades. He is known for his research in the area of large-area, low-cost, high performance, “flexible electronic” devices, including superconducting devices, photovoltaic, ferro-electrics, multiferroics, etc., as well as in 3D self-assembly of nanodots and nanorods for device applications. Prior to joining UB, he was a corporate fellow, distinguished inventor and distinguished scientist at UT-Battelle/Oak Ridge National Laboratory.
6. Satish Kulkarni Ji - He was the Counselor for Science, Technology, Environment and Health Affairs at the Embassy of the United States of America in New Delhi, India with the Department of State.(Advisor to Bill Clinton - then President of USA)
He is now Director of Energy Initiatives, Office of VP of Research,Research Professor, Engineering Science and Mechanics - Virginia Tech University.
7. Padmabhushan Arun Netravati - Ninth President of Bell Laboratories, Has 70 patents to his name, Was Chief Technology Officer of Lucent, Has written 170 technical papers, Was a Professor at MIT USA.
Attached herewith:
1. Brochure for the conference
Your presence and guidance will be very valuable in this movement of resurgence in research for National Mission. Please block the dates 11-13 Feb 2016 in your calender and oblige.
It gives me great pleasure on behalf of Bharatiya Shikshan Mandal to invite you to "International Conference - Research For Resurgence" - to be held from 11th to 13th February 2016 at Vishvesvaraiya National Institute of Technology Nagpur.
Please find below the details of the conference:
Bharatiya Shikshan Mandal(BSM) started its work in the educational sector in 1969 with a view of evolving an indigenous system of education. Shikshan Mandal is working in 28 states and 268 districts of Bharat .The mission of imbuing national education with ‘Bharatiyata’ for national regeneration is – Bharatiya Shikshan Mandal!. Respect of the diversity and recognition & acceptance of the inherent oneness in the universe are the foundational principles of Bharatityata. An education based on these principles aims at creation of a national character. The main motive of Shikshan Mandal is formulation of an education system based on time tested traditions and values of the land. An education that imparts holistic knowledge. Bharatiya Shikshan Mandal has developed a five-dimensional agenda for this purpose -- Research, Awareness, Orientation, Publication, and Organisation to support all these. The aim is to enable society to rediscover the Bharatiya way of life and therefore recreate Indigenous Model of education. (Pl Visitwww.bsmbharat.org for details)
The present scenario about Research and its applicability has unhappy face and needs rethinking in several aspects. Think tank at BSM has initiated a discourse for solution of the issue and planned International conference on “Research for Resurgence” scheduled on 11-13 February 2016 at VNIT Nagpur, in collaboration with all the leading institutes of academic excellence in Vidarbha region - Vishvesvaraiya National Institute of Technology Nagpur (VNIT), National Environmental Engineering Research Institute (NEERI). Rashtrasant Tukadoji Maharaj Nagpur University (RTMNU), Dr. Panjabrao Deshmukh Krishi Vidyapeeth, Akola (PDKV), Kavikulguru Kalidas Sanskrit University, Ramtek (KKSU), Sant Gadgebaba Amravati University, Amravati (SGBU). The conference will serve as a platform for active interaction between policy makers, executors, true mind-set researchers and representatives from the corporate houses.
Eminent Personalities who have confirmed their availability for the Conference:
1. Dr V K Saraswat Ji - Permanent Member Niti Aayog,Recipient of Padma Bhushan and Padma Shri.Ex Director General of DRDO.
2. Dr Madhavan Nair, Former Director ISRO
3. Guna Magesan Ji - Senior Scientist from New Zealand.Named amongst top 100 Indians in the world by Indian Magazine along with Sonal Shah(American Economist and Advisor to Barack Obama),Sunita Williams(Astronaut),Dr. Deepak Chopra,Jhumpa Lehri,Sir Anand Satyanand(Governor General of New Zealand).
4. Dr Anil Sahasrabuddhe, Chairman - All India Council for Technical Education(AICTE)
5. Dr D P Singh, Director - National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
6. G. S. Gurumurthy Ji- Renowned economist and corporate advisor.7. Almost 40 Vice-Chancellors
8. Hon. HRD Minister Smriti Irani Ji
9. Hon. Chief Minister of Maharashtra Devendra Fadnavis Ji
10. Hon. Governor of Maharashtra
11.Education Ministers from different states.
Few of the names expected from abroad are:
1. Advisor to Malaysian Prime Minister
2. Advisor to Prime Minister of UK
3. Rajeev Bajpai - WPG C&C Computer and Peripheral. WPG Holdings is No.1 Global Semiconductor Distributor and the largest electronics distributor in Asia, headquarters in Taipei, Taiwan. WPG Holdings operating through four leading semiconductor components distributors serves as a franchise partner for nearly 250 world-wide suppliers.
4. Manjul Bhargava : A Canadian-American mathematician, Bhargava was awarded the Fields Medal in 2014. According to the International Mathematical Union citation, he was awarded the prize "for developing powerful new methods in the geometry of numbers, which he applied to count rings of small rank and to bound the average rank of elliptic curves.
5. Amit Goyal : He has recently joined University of Buffalo as Director for RENEW Institute. He has developed clean energy technologies for more than two decades. He is known for his research in the area of large-area, low-cost, high performance, “flexible electronic” devices, including superconducting devices, photovoltaic, ferro-electrics, multiferroics, etc., as well as in 3D self-assembly of nanodots and nanorods for device applications. Prior to joining UB, he was a corporate fellow, distinguished inventor and distinguished scientist at UT-Battelle/Oak Ridge National Laboratory.
6. Satish Kulkarni Ji - He was the Counselor for Science, Technology, Environment and Health Affairs at the Embassy of the United States of America in New Delhi, India with the Department of State.(Advisor to Bill Clinton - then President of USA)
He is now Director of Energy Initiatives, Office of VP of Research,Research Professor, Engineering Science and Mechanics - Virginia Tech University.
7. Padmabhushan Arun Netravati - Ninth President of Bell Laboratories, Has 70 patents to his name, Was Chief Technology Officer of Lucent, Has written 170 technical papers, Was a Professor at MIT USA.
Attached herewith:
1. Brochure for the conference
Your presence and guidance will be very valuable in this movement of resurgence in research for National Mission. Please block the dates 11-13 Feb 2016 in your calender and oblige.
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